हिन्दुस्तान आज़ाद है और यहां जैसी आज़ादी और कहां? दुनियां के किसी भी हिस्से में आप कहीं भी चले जाए आपकी नाक में नकेल ना हो,ऐसा हो ही नहीं सकता|वहाँ के नियम क़ानून फाँसी के फंदे की तरह आपके गले में लटके रहतें हैं और आप भी मारे डर के उनका पालन करते हैं|अपने यहां पूरी छूट है सारे क़ानून-नियम मुहँ ताकते रह जाते हैं और आप आज़ाद परिन्दे की तरह उड़ान भरते रहते हैं|बस मे खिड़की से चड़े या डरबाजे से आपकी मर्ज़ी,सड़क के किनारे थूकें या दीवारों पर या कहीं भी बीचों बीच आपकी मर्ज़ी,अपना वाहन पार्किंग मे खड़ा करें या रास्ते के बीच में ,टिकट लेते समय लाइन में खड़े हो या लाइन तोड़ कर आपकी मर्ज़ी अपने यहां गजब की छूट है|राष्ट्रीय इमारतों या पुराने किलों की दीवारों को खुरच-खुरच कर अपने प्रेमी-प्रेमिका के नाम लिखने की छूट,क्लास मे डेस्कों व बेंचों पर नायक नायिकाओं की शकले बनाना शेर शायरी कविता लिखने की छूट,गली में कही भी कचरा फेंकने की छूट,पानी को खुला छोड़ने की छूट,कही भी अड़ंगी मार कर बिजली का कनेक्सन जोड़ने की छूट,शराब पी कर गलियों में हो हल्ला करने की छूट,गाड़ियों मे बिना टिकट चलने की छूट,कभी कभार पकड़े जाने पर रिशवत देने की छूट,वाहनों की स्पीड लिमिट लाँघने की छूट,बिना नंबर की गाड़ी की छूट,लाल बत्ती पर शान से घूमने की छूट,कही भी बैठ कर भीख माँगने की छूट यानी छूट ही छूट जैसे की देश में डिसकाअंट सीजन चल रहा हो सीजन क्या सीजन तो साप्ताह या पखवाड़े का होता है पर यह छूट तो सनातन रूप से चल रही है किसकी मज़ाल कि हमारी आज़ादी में दखल दे सके | और यदि कोई हिम्मत करके इस छूट पर अंकुश लगाने कि कोशिश करता है तो समाज अपना मुहँ गलियों से भर लेता है |
विदेशों मे जाकर हमारा मान क्यों नहीं लगता? लगे भी कैसे? क्या किसी मुल्क मे इतनी आज़ादी है?नियमों कि तलवार हर वक्त सिर पर लटकती है और हम उनके सामने भीगी बिल्ली बने रहते हैं पर अपने देश में शेर बन कर जीवन जीते हैं पर इस तरह हमारे शेर बनने पर धिक्कार है स्कूल मे ऐसा पाठ पड़ाया जाए जो ये नौबत ही ना आए होस्टल मे अपनी थाली में उतना ही भोजन परोसे जितना पेट मे समा सके कमाल कि बात तो यह है कि दुपहिया वाहनों इठला कर बैठने बलों को हेल्मेट भी जबरदस्ती पहनाना पड़ता है|हमारा इतना सा सपना है सभी डस्टबीन कि गरिमा को समझें|उन आँखों को देखें जो दाने दाने को तरसती है उन माता और बहनों के दिल का दर्द समझें जिनका अपना बेटा ,भाई बिना हेल्मेट के जीवन को समाप्त कर के चला गया |
ज़य हिंद ज़य भारत
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