उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती
रगों में तेरे बह रहा है खून राम श्याम का
जगदगुरु गोविंद और राजपूती शान का
तू चल पड़ा तो चल पड़ेगी साथ तेरे भारती
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती ||
उठा खडग बढा कदम कदम कदम बढाए जा
कदम कदम पे दुश्मनो के धड़ से सर उड़ाए जा
उठेगा विश्व हांथ जोड़ करने तेरी आरती
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती ||
तोड़कर ध्ररा को फोड़ आसमाँ की कालिमा
जगा दे सुप्रभात को फैला दे अपनी लालिमा
तेरी शुभ कीर्ति विश्व संकटों को तारती
देश है पुकारता पुकारती माँ भारती ||
है शत्रु दनदना रहा चहूँ दिशा में देश की
पता बता रही हमें किरण किरण दिनेश की
ओ चक्रवती विश्वविजयी मात्र-भू निहारती
देश है पुकारता पुकरती माँ भारती ||
Tuesday, February 8, 2011
Saturday, February 5, 2011
जीवन में कुछ करना है तो.
जीवन में कुछ करना है तो मन को मारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
चलने वाला मंज़िल पाता बैठा पीछे रहता है
ठहरा पानी सड़ने लगता बहता निर्मल होता है
पाँव मिले चलने की खातिर पाँव पसारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
तेज दौड़ने वाला खरहा कुछ पल चलकर हार गया
धीरे-धीरे चलकर कछुआ देखो बाजी मार गया
चलो कदम से कदम मिलाकर दूर किनारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
धरती चलती तारे चलते चाँद रात भर चलता है
किरणों का उपहार बाँटने सूरज ऱोज़ निकलता है
हवा चले तो महक बिखरे तुम भी प्यारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
चलने वाला मंज़िल पाता बैठा पीछे रहता है
ठहरा पानी सड़ने लगता बहता निर्मल होता है
पाँव मिले चलने की खातिर पाँव पसारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
तेज दौड़ने वाला खरहा कुछ पल चलकर हार गया
धीरे-धीरे चलकर कछुआ देखो बाजी मार गया
चलो कदम से कदम मिलाकर दूर किनारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
धरती चलती तारे चलते चाँद रात भर चलता है
किरणों का उपहार बाँटने सूरज ऱोज़ निकलता है
हवा चले तो महक बिखरे तुम भी प्यारे मत बैठो
आगे-आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो ||
इतिहास गा रहा है.
इतिहास गा रहा है दिन रात गुण हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
इस पर जनम लिया है इसका पिया है पानी
माता यह है हमारी यह है पिता हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
वह देवता हिमालय हमको पुकारता है
गुण गा रही है निश-दिन गंगा की शुभ पुण्य धारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
पोरस की वीरता को झेलम तू ही बता दे
यूनान का सिकंदर था तेरे तट पे हारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
उज्जैन फिर सुना दे विक्रम की वह कहानी
जिसमे प्रकट हुआ था संवत नया हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
आता है याद हरदम गुप्तों का वह जमाना
सारे जहाँ पे छाया वह स्वर्ण-युग हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
चित्तोड़ रायगढ़ और चमकौर फिर गरज उठे थे
सदियों लड़ा निरन्तर आज़ाद खूं हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
दी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज को चुनौती
पल-पल प्रकट हुआ था स्वातंत्र्य वह हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
हम इनको भूल जाएँ संभव नहीं कभी यह
इनके लिए जियेंगे यह धर्म है हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
होगा भविष्य उज्ज्वल संसार में अनोखा
बतला रहा है हमको यह संगठन हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
इस पर जनम लिया है इसका पिया है पानी
माता यह है हमारी यह है पिता हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
वह देवता हिमालय हमको पुकारता है
गुण गा रही है निश-दिन गंगा की शुभ पुण्य धारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
पोरस की वीरता को झेलम तू ही बता दे
यूनान का सिकंदर था तेरे तट पे हारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
उज्जैन फिर सुना दे विक्रम की वह कहानी
जिसमे प्रकट हुआ था संवत नया हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
आता है याद हरदम गुप्तों का वह जमाना
सारे जहाँ पे छाया वह स्वर्ण-युग हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
चित्तोड़ रायगढ़ और चमकौर फिर गरज उठे थे
सदियों लड़ा निरन्तर आज़ाद खूं हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
दी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज को चुनौती
पल-पल प्रकट हुआ था स्वातंत्र्य वह हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
हम इनको भूल जाएँ संभव नहीं कभी यह
इनके लिए जियेंगे यह धर्म है हमारा
दुनिया के लोगों सुन लो यह देश है हमारा ||
होगा भविष्य उज्ज्वल संसार में अनोखा
बतला रहा है हमको यह संगठन हमारा
सच्चा वीर बना दे माँ
सच्चा वीर बना दे माँ-सच्चा वीर बना दे माँ
ध्रुव जैसी मुझे भक्ति दे दे-अर्जुन जैसी शक्ति दे दे
गीता ज्ञान सुना दे माँ -सच्चा वीर बना दे माँ ||
वीर हक़ीकत मैं बन जाऊँ- धर्म पे अपना शीश कटाऊँ
ऐसी लगन लगा दे माँ-सच्चा वीर बना दे माँ ||
गूऱू गोविन्द सा त्यागी बना दे-शिवाजी जैसी आग लगा दे
हाँथ तलवार थमा दे माँ -सच्चा वीर बना दे माँ ||
केशव सा ध्येयनिष्ठ बना दे-माधव सा मुझे ज्ञान करा दे
जीवन देश पे चढ़ा दे माँ-सच्चा वीर बना दे माँ ||
ध्रुव जैसी मुझे भक्ति दे दे-अर्जुन जैसी शक्ति दे दे
गीता ज्ञान सुना दे माँ -सच्चा वीर बना दे माँ ||
वीर हक़ीकत मैं बन जाऊँ- धर्म पे अपना शीश कटाऊँ
ऐसी लगन लगा दे माँ-सच्चा वीर बना दे माँ ||
गूऱू गोविन्द सा त्यागी बना दे-शिवाजी जैसी आग लगा दे
हाँथ तलवार थमा दे माँ -सच्चा वीर बना दे माँ ||
केशव सा ध्येयनिष्ठ बना दे-माधव सा मुझे ज्ञान करा दे
जीवन देश पे चढ़ा दे माँ-सच्चा वीर बना दे माँ ||
Wednesday, February 2, 2011
"तरुणाई"
शांत रहूं तो धरती हूँ मैं जाग उठू विस्त्रत आकाश
मैं युग की हूँ विमल चेतना जीवन का माधुरम विश्वास |
मैं सपनों की अमर चेतना जीवन की अमराई
परिवतन है चेरी मेरी कहलाती हूँ तरुणाई|
मैने ही भूगोलों के इतिहास बदल डाले हैं
उठ कर आने पर मेरे ही शोषण के टूटे प्याले हैं|
वही राष्ट्र आगे बढ़ता है जिसकी जाग उठे तरुणाई
मंज़िल वही प्राप्त करता है जिसने 'लक्ष्य चेतना' पायी||
मैं युग की हूँ विमल चेतना जीवन का माधुरम विश्वास |
मैं सपनों की अमर चेतना जीवन की अमराई
परिवतन है चेरी मेरी कहलाती हूँ तरुणाई|
मैने ही भूगोलों के इतिहास बदल डाले हैं
उठ कर आने पर मेरे ही शोषण के टूटे प्याले हैं|
वही राष्ट्र आगे बढ़ता है जिसकी जाग उठे तरुणाई
मंज़िल वही प्राप्त करता है जिसने 'लक्ष्य चेतना' पायी||
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